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मेरे दिल ने जिसे पुकारा है / अनु जसरोटिया
Kavita Kosh से
मेरे दिल ने जिसे पुकारा है
वो कोई चांद है सितारा है
ये हसीं रात, ये चमन, ये चांद
किस क़दर दिलनशीं नज़ारा है
तुझ को पाना ही मुद्दआ ठहरा
कश्तिए-दिल का तू किनारा है
तेरी ख़ुशियां भी हैं क़बूल मुझे
तेरा ग़म भी मुझे गवारा है
जो भी चाहो सलूक फ़र्माओ
दिल हमारा नहीें तुम्हारा है
हम ने तेरे बग़ैर इक इक पल
इक सदी की तरह गुज़ारा है
तू तसव्वुर से जा नहीं सकता
तू हमारा था तू हमारा है
हम ने जीवन का एक इक लम्हा
दर्द के गीत से संवारा है
इक क़ियामत से कम नहीं था वो
बिन तुम्हारे जो दिन ग़ुज़ारा है