बीते दिनों की याद दिलाती है ज़िन्दगी / अनु जसरोटिया
बीते दिनों की याद दिलाती है ज़िन्दगी
बिछुड़े हुओं को फिर से मिलाती है ज़िन्दगी
ठोकर लगे तो राह पे आती है ज़िन्दगी
क्या क्या सबक़ बशर को सिखाती है ज़िन्दगी
हंस हंस के ज़िन्दगी का सफ़र तय किया करें
रोते हुओं को और रुलाती है ज़िन्दगी
हर शय है ज़िन्दगी के ख़ज़ाने में दोस्तो
ख़ुशियों के साथ ग़म भी दिखाती है ज़िन्दगी
सुब्हों को अपने नूर से करती है माला माल
शामों को पुर -बहार बनाती है ज़िन्दगी
फूलों की सेज भी कभी करती है ये अता
कंाटों पे भी बशर को सुलाती है ज़िन्दगी
शामिल अगर हो साथ बुज़र्गों की भी दुआ
हमराह अपने बरकतें लाती है ज़िन्दगी
ऊंचे मुक़ðरों ही से मिलती हैं एक दिन
वेा नेक-नामियां जो कमाती है ज़िन्दगी
तक़दीर अपनी ये है कि विष से भरा हुआ
हर रोज़ एक जाम पिलाती है ज़िन्दगी