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"कुछ न कुछ तो ज़रूर होना है / वाजिदा तबस्सुम" के अवतरणों में अंतर
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10:29, 9 अक्टूबर 2018 के समय का अवतरण
कुछ न कुछ तो ज़रूर होना है,
सामना आज उनसे होना है
तोड़ो, फेंकों, रखो, करो कुछ भी,
दिल हमारा है, क्या खिलौना है
ज़िंदगी और मौत का मतलब,
तुमको पाना है, तुमको खोना है
इतना डरना भी क्या है दुनिया से,
जो भी होना है सो तो होना है
उठ के महफ़िल से मत चले जाना,
तुमसे रोशन ये कोना-कोना है