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हम न मरब / विजय कुमार

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और सब माथे पर लिखा है
हजारों हज़ारों वॉट की दूधिया रोशनी में नहाए स्टेडियमों में
क्रिकेट मैच हो रहे थे
एक उन्मत्त भीड़ थी
सर्द रात में बाहर फ्लाईओवरों फ़्लाईओवरों के नीचे रात ग्यारह बजे
भूखे बच्चे ठिठुर रहे थे
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