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"हमारी वफ़ा की तिजारत करोगे / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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वतन के लिए दिल में जज़्बा नहीं गर
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तो कैसे वतन की हिफ़ाज़त करोगे
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यही रास्ता तुमको आसान लगता
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हमें बाँट करके हुकूमत करोगे
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मेरे देश में कोई भूखा न सोये
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ये छोटी-सी पूरी ज़रूरत करोगे
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खुशी उनको दे दो खुशी माँगते जो
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मेरा ग़म मिटाने की ज़ुर्रत करोगे
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नज़र में है ख़ंजर, लबों पे हैं शोले
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यक़ीं कैसे कर लूँ मुहब्बत करोगे
 
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15:11, 30 दिसम्बर 2018 के समय का अवतरण

हमारी वफ़ा की तिजारत करोगे
सरों को कटाकर सियासत करोगे

वतन के लिए दिल में जज़्बा नहीं गर
तो कैसे वतन की हिफ़ाज़त करोगे

यही रास्ता तुमको आसान लगता
हमें बाँट करके हुकूमत करोगे

मेरे देश में कोई भूखा न सोये
ये छोटी-सी पूरी ज़रूरत करोगे

खुशी उनको दे दो खुशी माँगते जो
मेरा ग़म मिटाने की ज़ुर्रत करोगे

नज़र में है ख़ंजर, लबों पे हैं शोले
यक़ीं कैसे कर लूँ मुहब्बत करोगे