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02:04, 24 जनवरी 2019 के समय का अवतरण


उठ जागे आवर्तित
दो नीले वृत्त
सहोदर
कहते कुछ ख़ास
वे इतने पास

रंगों पर रंग चढ़े अनमने
खुल जाते याद में ठने

वे मंत्र मृत्युंजयी
त्रिभुजों के पार...