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"भूदृश्य-1 / ये लहरें घेर लेती हैं / मधु शर्मा" के अवतरणों में अंतर
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+ | चटियल मैदानों तक जातीं | ||
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+ | नदियों का झुरमुट | ||
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+ | घुली-मिली। | ||
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02:19, 24 जनवरी 2019 के समय का अवतरण
रंग के भीतर थे रंग के भीतर थे रंग,
इतने रंग
बिखरे भूदृश्य में!
झुरमुट के पीछे का घर...
घर था ढँका ुआ
कुछ ठीक नहीं था
नदियों के आगे थीं नदियाँ
चटियल मैदानों तक जातीं
पर्वत से गिर,
नदियों का झुरमुट
जीवन का था जैसे
यादें थीं
घर-पर्वत-नदियों सी
घुली-मिली।