भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"घिरा हुआ योद्धा / कुमार मुकुल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(' {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= ​कुमार मुकुल​ |संग्रह= }} {{KKCatKavita}}​​ <...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(कोई अंतर नहीं)

12:52, 28 फ़रवरी 2019 का अवतरण

​​

मैं एक लाचार मनुष्य
मेरा साहस और जीवट नहीं
बल्कि एक सीमारेखा
परिभाषित करती है मुझे
कि मैं देशभक्त हूँ या घुसपैठिया
गद्दार हूँ या शहीद।
एक सीमारेखा
जिसके दोनों ओर
हथियारों की दलाली के नगमे
बजते रहते हैं अविराम
और इन नगमाकारों को
सलामी बजाते रहने से
सुनते हैं के एक राष्ट्र
सुरक्षित रहता है
अनंतकाल तक।