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+ | * [[उदास उल्लू ... / बरीस सदअवस्कोय / अनिल जनविजय]] | ||
+ | * [[जब तट पर सब जम जाता है / बरीस सदअवस्कोय / अनिल जनविजय]] | ||
+ | * [[क्या प्यार ने हमको भरमाया था / बरीस सदअवस्कोय / अनिल जनविजय]] |
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बरीस सदअवस्कोय
जन्म | 22 फ़रवरी 1881 |
---|---|
निधन | 03 अप्रैल 1952 |
उपनाम | Бори́с Алекса́ндрович Садовско́й |
जन्म स्थान | अरदातफ़, नीझनी नोवगरद प्रदेश, रूस |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
देर भोर में (1909), पचास हंस (1911), तिरछी किरणें (1914), पाले से बने बेल-बूटे (1922) तथा मौत के निवासी और छह अन्य संग्रह (1918) | |
विविध | |
रूसी प्रतीकवादी कवियों में से एक। रूसी कवि फ़ेत पर फ़िदा थे। उन्हीं की काव्य-पंक्तियों को अपने संग्रहों का शीर्षक बनाया। बाद में गद्य और कहानियाँ लिखने लगे। 1916 में लकवा मारने के बाद विकलांग हो गए और पूरी तरह से बिस्तर से चिपक गए। | |
जीवन परिचय | |
बरीस सदअवस्कोय / परिचय |