भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"दिल की धड़कन का सांसों से प्यार लिखो अभिसार लिखें / रंजना वर्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना वर्मा |अनुवादक= |संग्रह=शाम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:41, 18 मार्च 2019 के समय का अवतरण
दिल की धड़कन का साँसों से प्यार लिखें अभिसार लिखें
रहे न सूनी डगर प्यार की अफ़साने दो चार लिखें
जीवन पन्थ बड़ा ही लम्बा इस में लाख झमेले हैं
जगत द्वंद्व में उलझ-उलझ कर क्यों बातें बेकार लिखें
भाईचारा स्नेह प्रेम का अद्भुत त्रिविध समीर बहे
रोटी कपड़ा मिले सभी को सबका हो घर बार लिखें
माया मोह लोभ सुंदर फल बार-बार ललचाते हैं
सदा हृदय को जो भरमाये क्या ऐसा संसार लिखें
एक विधाता की संतानें क्यों आपस में जूझ मरें
एक रहें घर चौबारे क्यों आँगन में दीवार लिखें