भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"समझ लो ज़रा पास आने से पहले / रंजना वर्मा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना वर्मा |अनुवादक= |संग्रह=शाम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:02, 19 मार्च 2019 के समय का अवतरण

समझ लो ज़रा पास आने से पहले
मिलेगा रुदन मुस्कुराने से पहले

न घूँघट गिराओ अभी लाज का यों
मिला लो नज़र तुम झुकाने से पहले

न दो जख़्म कोई किसी को कभी भी
सँभल जाओ खुद चोट खाने से पहले

रखो धैर्य थोड़ा सुनो बात पूरी
न टोको मुझे कुछ बताने से पहले

बड़ी मुश्किलों से मिला रास्ता है
न अब रोक लेना ठिकाने से पहले