भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"यहै सिटी बस हवै / बोली बानी / जगदीश पीयूष" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKRachna |रचनाकार=भारतेन्दु मिश्र |अनुवादक= |संग्रह=बोली...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(कोई अंतर नहीं)

07:24, 24 मार्च 2019 का अवतरण

यहै सिटी बस हवै
भीर ठसाठस हवै

ज्याबै कोउ सफा करै
गोडु कोउ धरि कचरै
बाहेर बउखा ठर्रनि
भीतर उमस हवै

नौकरी करै जइहैं
लउटि सब घरै अइहैं
मजबूरी सबकै है
अदमी बेबस हवै

चहै तहाँ फेल करैं
चहै खतम खेलु करैं
सरकारी पट्टा है
सब उनके बस हवै