भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सिया सँ रामक परतर / कालीकान्त झा ‘बूच’" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कालीकान्त झा ‘बूच’ |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 9: पंक्ति 9:
 
<poem>
 
<poem>
 
मानै छी सुनियौ रघुवंशी पुरूष अहाँ बेजोड़ औ,
 
मानै छी सुनियौ रघुवंशी पुरूष अहाँ बेजोड़ औ,
हमरा सिया सखी लग लेकिन लागै छी किछु थोड़ औ  
+
हमरा सिया सखी लग लेकिन, लागै छी किछु थोड़ औ  
  
 
अपने केॅ जन्मौलनि माता,
 
अपने केॅ जन्मौलनि माता,
 
सीता हमर सहज संजाता,
 
सीता हमर सहज संजाता,
 
कतबो सुन्नर श्याम मुदा  छी,
 
कतबो सुन्नर श्याम मुदा  छी,
कतबो गुनगर राम मुदा  छी,
+
कतबो गुनगर राम मुदा  छी,  
अपने नीलाकाश जानकी,  
+
हम्मर नीलाकाश जानकी, लाली पसरल भोर औ।
लाली पसरल भोर औ ।
+
हमरा सिया सखी लग लेकिन, लागै छी किछु थोड़ औ
हमरा सिया सखी लग लेकिन लागै छी किछु थोड़ औ
+
  
 
मादक दृष्टि कमल दल  लोचन
 
मादक दृष्टि कमल दल  लोचन
पंक्ति 23: पंक्ति 22:
 
नशा बनल चढ़ि रहल नेह अछि,  
 
नशा बनल चढ़ि रहल नेह अछि,  
 
बिसरल छी हम कतऽ देह अछि,
 
बिसरल छी हम कतऽ देह अछि,
मुदा  सियाक दिव्य दर्शन मे  
+
मुदा  सियाक दिव्य दर्शन मे, अमृते केर बोर औ  
अमृते केर बोर औ  
+
हमरा सिया सखी लग लेकिन, लागै छी किछु थोड़ औ
हमरा सिया सखी लग लेकिन लागै छी किछु थोड़ औ
+
  
 
धनुषा तोड़ल पाबि जुआनी,  
 
धनुषा तोड़ल पाबि जुआनी,  
पंक्ति 32: पंक्ति 30:
 
ताहि धनुखा केर सुनु पिहानी
 
ताहि धनुखा केर सुनु पिहानी
 
तकरा बाल्यावस्थे मे ई
 
तकरा बाल्यावस्थे मे ई
उठा लेलनि कऽ कोर औ ।
+
उठा लेलनि कऽ कोर औ।
हमरा सिया सखी लग लेकिन लागै छी किछु थोड़ औ
+
हमरा सिया सखी लग लेकिन, लागै छी किछु थोड़ औ
 +
 
 
उच्च विचार आचरण सादा,  
 
उच्च विचार आचरण सादा,  
 
सदिखन संयोगल मरयादा,
 
सदिखन संयोगल मरयादा,
 
आइ कतऽ रहि गेल बपौटी,  
 
आइ कतऽ रहि गेल बपौटी,  
 
पिछरल चरण करीनक पौटी
 
पिछरल चरण करीनक पौटी
फलक साधिका सीता हम्मर
+
फलक साधिका सीता हम्मर, अपने फूलक चोर औ  
अपने फूलक चोर औ  
+
हमरा सिया सखी लग लेकिन, लागै छी किछु थोड़ औ
हमरा सिया...
+
 
</poem>
 
</poem>

15:12, 17 अप्रैल 2019 के समय का अवतरण

मानै छी सुनियौ रघुवंशी पुरूष अहाँ बेजोड़ औ,
हमरा सिया सखी लग लेकिन, लागै छी किछु थोड़ औ

अपने केॅ जन्मौलनि माता,
सीता हमर सहज संजाता,
कतबो सुन्नर श्याम मुदा छी,
कतबो गुनगर राम मुदा छी,
हम्मर नीलाकाश जानकी, लाली पसरल भोर औ।
हमरा सिया सखी लग लेकिन, लागै छी किछु थोड़ औ

मादक दृष्टि कमल दल लोचन
मुस्की कामदेव मदमोचन,
नशा बनल चढ़ि रहल नेह अछि,
बिसरल छी हम कतऽ देह अछि,
मुदा सियाक दिव्य दर्शन मे, अमृते केर बोर औ
हमरा सिया सखी लग लेकिन, लागै छी किछु थोड़ औ

धनुषा तोड़ल पाबि जुआनी,
तहिये सँ छी नामी गामी,
बाउ अधिक जुनि बनू गुमानी
ताहि धनुखा केर सुनु पिहानी
तकरा बाल्यावस्थे मे ई
उठा लेलनि कऽ कोर औ।
हमरा सिया सखी लग लेकिन, लागै छी किछु थोड़ औ

उच्च विचार आचरण सादा,
सदिखन संयोगल मरयादा,
आइ कतऽ रहि गेल बपौटी,
पिछरल चरण करीनक पौटी
फलक साधिका सीता हम्मर, अपने फूलक चोर औ
हमरा सिया सखी लग लेकिन, लागै छी किछु थोड़ औ