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"रोशनी फूटलै हे / ब्रह्मदेव कुमार" के अवतरणों में अंतर

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चहूँ दिश भइलै इंजोर हे।
 
चहूँ दिश भइलै इंजोर हे।
 
अज्ञान-अन्हरिया में, आबेॅ नहीं रहबै हो
 
अज्ञान-अन्हरिया में, आबेॅ नहीं रहबै हो
भइलै जे साक्षरता के भोर हे।।
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भइलै जे साक्षरता के भोर हे।
  
 
हमरा पढ़ाबै लेॅ, आबै वीटी भईया हो
 
हमरा पढ़ाबै लेॅ, आबै वीटी भईया हो
 
आरो आबै बहिना मोर हे।
 
आरो आबै बहिना मोर हे।
 
नया उमंगोॅ सेॅ आबै हमें सीखबै
 
नया उमंगोॅ सेॅ आबै हमें सीखबै
छलकै करेजबा कोरे-कोर हे।।
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छलकै करेजबा कोरे-कोर हे।
  
 
आपन्हैं जे पढ़बै गे बहिना, आपन्हैं जे लिखबै
 
आपन्हैं जे पढ़बै गे बहिना, आपन्हैं जे लिखबै
 
मनोॅ के सपना पूरतै मोर हे।
 
मनोॅ के सपना पूरतै मोर हे।
 
रोशनी ज्ञानदीपोॅ के , जगमग-जगमग
 
रोशनी ज्ञानदीपोॅ के , जगमग-जगमग
फूटतै किरण चहूँ ओर हे।।
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फूटतै किरण चहूँ ओर हे।
  
 
लोगबा जे बोलै हो, बोलिया-कूबोलिया
 
लोगबा जे बोलै हो, बोलिया-कूबोलिया
 
तनिकोॅ नै काँपै जियरा मोर हे।
 
तनिकोॅ नै काँपै जियरा मोर हे।
 
चलूँ सखी चलूँ गे बहिना, मिली-जूली पढ़बै
 
चलूँ सखी चलूँ गे बहिना, मिली-जूली पढ़बै
हरसै परणमां पोरे-पोर हे।।
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हरसै परणमां पोरे-पोर हे।
  
 
साक्षरता-अभियान छेकै, ज्ञान केरोॅ गंगा हे
 
साक्षरता-अभियान छेकै, ज्ञान केरोॅ गंगा हे
 
गंगा में उठलै हिलोर हे।
 
गंगा में उठलै हिलोर हे।
 
ऐसन समैया फेरू, घुरी नाहीं अइतौं हो
 
ऐसन समैया फेरू, घुरी नाहीं अइतौं हो
डूबकी लगाय लेॅ कर जोर हे।।
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डूबकी लगाय लेॅ कर जोर हे।
 
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23:11, 2 मई 2019 के समय का अवतरण

जली गेलै ज्ञान-दीप, रोशनी फुटलै हे,
चहूँ दिश भइलै इंजोर हे।
अज्ञान-अन्हरिया में, आबेॅ नहीं रहबै हो
भइलै जे साक्षरता के भोर हे।

हमरा पढ़ाबै लेॅ, आबै वीटी भईया हो
आरो आबै बहिना मोर हे।
नया उमंगोॅ सेॅ आबै हमें सीखबै
छलकै करेजबा कोरे-कोर हे।

आपन्हैं जे पढ़बै गे बहिना, आपन्हैं जे लिखबै
मनोॅ के सपना पूरतै मोर हे।
रोशनी ज्ञानदीपोॅ के , जगमग-जगमग
फूटतै किरण चहूँ ओर हे।

लोगबा जे बोलै हो, बोलिया-कूबोलिया
तनिकोॅ नै काँपै जियरा मोर हे।
चलूँ सखी चलूँ गे बहिना, मिली-जूली पढ़बै
हरसै परणमां पोरे-पोर हे।

साक्षरता-अभियान छेकै, ज्ञान केरोॅ गंगा हे
गंगा में उठलै हिलोर हे।
ऐसन समैया फेरू, घुरी नाहीं अइतौं हो
डूबकी लगाय लेॅ कर जोर हे।