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"जिन्दा होने भर का केवल सबको भरम दिया / मृदुला झा" के अवतरणों में अंतर
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21:20, 4 मई 2019 के समय का अवतरण
पर जीना दुश्वार हो गया ऐसा जख़म दिया।
थी उसकी सांसे ही हर पल उसको डरा रही,
तन्हाई सौगात में उसको बेहिस सनम दिया।
भूल नहीं सकते जीवन में वह तूफानी मंज़र हम,
अनगिन यादों को तोहफे में जिसने जनम दिया।
संघर्षों के बल पर मेरी नैया बढ़ निकली,
राहे-हम्मत ने मुझ को इक नूतन जनम दिया।
गम की आंधी में जीवन का रूख ही बदल गया,
अरमानों की कलियों को दुनिया ने जख़म दिया।