भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जूनौ काळ / रेंवतदान चारण" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रेंवतदान चारण |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
12:28, 8 मई 2019 के समय का अवतरण
छप्पनै पछै तौ छिन्नवौ पचीसो अर छाईस
चिड़ियानाथ री चूक सूं काळ झाळ ली ईस
कै तौ लागै मेह झड़ के नहरां आवै नीर
माटी धापै मुरधरा काळ समंदरां तीर