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"बहता पानी / वसुधा कनुप्रिया" के अवतरणों में अंतर

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21:49, 17 मई 2019 के समय का अवतरण

छपाक!
तुमने उछाला था
पानी नदी का
हथेलियों में भर
मुझ पर!
"क्या करते हो"
कहकर, फेर लिया था
तब मुँह मैने,
लहरों की हलचल
शांत हो गई...
तुम चुप क्यों थे,
पूछने को पलटी...
तुम कहीं नहीं थे!
प्रियतम मेरे,
डूब गया था
साथ तुम्हारे
मेरा सौभाग्य
सिंदूर और श्रंगार,
बहते पानी सी
छोड़ गए तुम
नयनों में अश्रु धार!