भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बढ़ता गया हिसाब / मधुकर अस्थाना" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मधुकर अस्थाना |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

00:10, 28 मई 2019 के समय का अवतरण

मिला किसे उपचार
यहाँ माथे की सलवट का
बढ़ता गया हिसाब रात भर
सीली करवट का

ऊपर धुँवा आग
है नीचे पछुवा में तेजी
मिली न पाती खुशबू की जो
पुरूवा ने भेजी
खेल मदारी का है अपना
अभिनय मरकट का

बिके हुए सामन्‍त
सहायक सारे बाहुबली
जिन्‍दा बम के सम्‍मुख क्‍या
अल्‍ला बजरंग बली
देख रहे युग-युग से रंग
बदलना गिरगिट का

निर्भय तंत्र लोक
घायल है पंख विहीन परिन्‍दा
ऊपर बाज शिकारी नीचे
किस्‍मत से हैं जिन्‍दा
अभी न अप्रिय जीवन टालें
निर्णय लम्‍पट का