भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मिरे घर में कहानी है अभी तक / कुमार नयन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कुमार नयन |अनुवादक= |संग्रह=दयारे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:30, 3 जून 2019 के समय का अवतरण

मिरे घर में कहानी है अभी तक
मिरे बच्चों की नानी है अभी तक।

घड़ा मिट्टी का पत्तों की चटाई
बुज़ुर्गों की निशानी है अभी तक।

मैं इक खुद्दार दौरे-बेबसी में
ख़ुदा की मेहरबानी है अभी तक।

कोई गिरधर यहां हो या नहीं हो
मगर मीरा दीवानी है अभी तक।

वहां उम्मीद कैसे छोड़ दूँ मैं
जहां आंखों में पानी है अभी तक।

कुंवर सिंह की भी धरती ख़ूब है ये
बुढ़ापे में जवानी है अभी तक।

हवाएं बर्फबारी धूप सहरा
इन्हीं की मेज़बानी है अभी तक।

तलाशो मत नये अंदाज़ो-तेवर
ग़ज़ल मेरी पुरानी है अभी तक।