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"क्षमा / दीनदयाल गिरि" के अवतरणों में अंतर

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18:49, 16 जून 2019 के समय का अवतरण

बानी कटु सुनि कोप की छमा गहो न गलानि ।
कहा हानि मृगराज की भूकत जौ लषि स्वान ।।

भूकत जौ लषि स्वान हारि मानैगो आपै ।
बैठि रहो हे बीर धीर तुम बोलत कापै ।।

बरनै दीनदयाल बात बुध बिमल बखानी ।
कीजै कछु न सोच सठन की सुनि कटु बानी ।। ५५।।