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"खुश रहने की आदत है / गोपाल कृष्ण शर्मा 'मृदुल'" के अवतरणों में अंतर

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12:28, 8 जुलाई 2019 के समय का अवतरण

खुश रहने की आदत है।
कहते लोग हिमाकत है।।

ज़िद की जो सच कहने की,
समझो आयी शामत है।।

नजर झुका कर कत्ल करे,
ये भी अजब शराफ़त है।।

गाँधी जी के चेलों से,
बस्ती भर में दहशत है।।

उसको कैसी आजादी?
झेल रहा जो ग़्ाुर्बत है।।

जिन्दा उसकी रहमत से?
यह रहमत तो आफ़त है।।