भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हरा बग़ीचा / निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= निकिफ़ोरॉस व्रेताकॉस |अनुवादक=अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 30: पंक्ति 30:
 
कुछ नहीं पूछो  ।
 
कुछ नहीं पूछो  ।
  
'''रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
+
'''रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
 
</poem>
 
</poem>

03:13, 6 अगस्त 2019 के समय का अवतरण

तीन तरह की
दुनियाएँ हैं मेरे पास —
समुद्र है,
आकाश है,
और है एक हरा बगीचा
यानी तुम्हारी आँखें ।

अगर मैं मटरगश्ती कर पाता
अपनी इन तीनों दुनियाओं में
तो मैं तुम्हें बता देता
कि ये तीनों तरह की दुनिया
मुझे कितना लुभाती हैं ।

हालाँकि समुद्र के बारे में तो
जानता हूँ
मैं सबकुछ
और आकाश के बारे में भी
कुछ-कुछ

पर हरे बाग के बारे में कुछ नहीं जानता
इसलिए मुझसे
कुछ नहीं पूछो ।

रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय