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म्हारा हरिया मंडप माय ज्डाको लाग्यो रे दुई नैना सी [दो बार ] | म्हारा हरिया मंडप माय ज्डाको लाग्यो रे दुई नैना सी [दो बार ] | ||
− | म्हारा स्स्राजी गाँव का राजवाई म्हारो बाप दिली केरों | + | म्हारा स्स्राजी गाँव का राजवाई म्हारो बाप दिली केरों राज। ज्डाको लाग्यो रे ... |
− | म्हारी सासु सरस्वती नदी वय ,महारी माय गंगा केरो नीर ज्डाको लाग्यो रे | + | म्हारी सासु सरस्वती नदी वय, महारी माय गंगा केरो नीर ज्डाको लाग्यो रे ... |
− | महारी नन्द कड़कती बिजलई ,महारी बैन सरावन | + | महारी नन्द कड़कती बिजलई, महारी बैन सरावन तीज। ज्डाको लाग्यो रे ... |
− | म्हारो देवर देवुल आग्डो ,म्हारो भाई गोकुल केरो | + | म्हारो देवर देवुल आग्डो, म्हारो भाई गोकुल केरो कान्ह। ज्डाको लाग्यो रे ... |
− | म्हारा हरिया मंडप माय ज्डाको लाग्यो रे दुई नैना सी | + | म्हारा हरिया मंडप माय ज्डाको लाग्यो रे दुई नैना सी |
20:55, 15 अगस्त 2008 के समय का अवतरण
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मंडप निमाड़ी लोक गीत
म्हारा हरिया मंडप माय ज्डाको लाग्यो रे दुई नैना सी [दो बार ]
म्हारा स्स्राजी गाँव का राजवाई म्हारो बाप दिली केरों राज। ज्डाको लाग्यो रे ...
म्हारी सासु सरस्वती नदी वय, महारी माय गंगा केरो नीर ज्डाको लाग्यो रे ...
महारी नन्द कड़कती बिजलई, महारी बैन सरावन तीज। ज्डाको लाग्यो रे ...
म्हारो देवर देवुल आग्डो, म्हारो भाई गोकुल केरो कान्ह। ज्डाको लाग्यो रे ...
म्हारा हरिया मंडप माय ज्डाको लाग्यो रे दुई नैना सी