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"छोटा सा अकेलापन / यानिस रित्सोस / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर
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20:39, 8 सितम्बर 2019 के समय का अवतरण
आँगन के इस कोने में,
साबुन के झाग भरे पानी से
घिरी क्यारी में,
कुछ गुलाब फैला रहे हैं अपनी सुगन्ध
पर कोई
इन गुलाबों को
नहीं सूँघता ।
कैसा भी हो अकेलापन
छोटा नहीं होता ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय