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हमने कब जाना
उतरने के लिए भी होती हैं
इतनी जद्दोजहद के बाद
चढ़ सके जितनी
हर बार उससे कही ज्यादा उतरनी पड़ी सीढियाँ सीढ़ियाँ
बचपन की यादों में
शामिल है साँप-सीढ़ी का खेल
फासले तय करेगे करेंगे हौसले एक दिन बस , इसी इंतजार इन्तज़ार में बिछी रहती हैं सीढियाँ सीढ़ियाँ पांवो के नीचे सख्त सख़्त ज़मीन की तरह
हमने कब जाना
कि सीढियों सीढ़ियों पर चढ़ने से कहीं ज्यादा ज़्यादा मुश्किल था खुद ख़ुद को सीढियों सीढ़ियों में तब्दील होते देखना
और यह कि जो बनाते है सीढियाँसीढ़ियाँवे क्या कभी चढ़ पाते है सीढियाँसीढ़ियाँसीढियों सीढ़ियों पर चढ़ते सीढियों सीढ़ियों से उतरते
हम कभी समझ पाते है
समय बनाता है सीढियाँसीढ़ियाँया सीढियों सीढ़ियों से बनता है समय अपने समय की सीढियों सीढ़ियों से फिसलते हुए
कभी क्या जान पाए हम
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