भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अवधारणा / राजेन्द्र देथा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्र देथा |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

17:49, 29 नवम्बर 2019 के समय का अवतरण

सुनो! हम दोनों बस चुके है
इन दिनों अलग अलग शहर में
सावचेत रहना इन शहरों से
यहां प्रेम से जियादा प्रेम की
अवधारणाओं का बोलबाला है
मत ढूंढना अपने प्रेम और स्वयं को
इन मनगढत थ्योरियों में।
वक्त से दोस्ती सतत् रही तो
फिर मिलेंगे ठीक उन चांदनी रातों में
घर पीछे वाले धोरे पर
जहां कच्ची उम्र में मेणमोट खेला करते
और फिर गुम हो जाएंगे
स्नेहिल स्मृतियों में,
अशेष ख़ाबों में
तब शायद
ऐसा देख समीप स्थित फोग भी
करेगा अपनी बिरादरी से इन
मरुद्भिदों के प्रेम के बखान!

कच्ची उम्र की कच्ची कविताएँ!