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"मैं हूँ पतझर का ठूँठ शज़र / राहुल शिवाय" के अवतरणों में अंतर
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मैं हूँ पतझर का ठूँठ शज़र। | मैं हूँ पतझर का ठूँठ शज़र। | ||
− | मैं पात रहित, मैं पुष्प रहित | + | मैं पात रहित, मैं पुष्प रहित |
− | मैं सुख से वंचित औ विस्मृत। | + | मैं सुख से वंचित औ विस्मृत। |
− | मैं हूँ जैसे पीड़ा का | + | मैं हूँ जैसे पीड़ा का घर। |
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− | मैं शरण वेदना की पाकर | + | मैं शरण वेदना की पाकर |
− | चुपचाप हो चुका, चिल्लाकर। | + | चुपचाप हो चुका, चिल्लाकर। |
− | मैं टूट-टूट कर गया | + | मैं टूट-टूट कर गया बिखर। |
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− | ठहरा-सा यह मेरा जीवन | + | ठहरा - सा यह मेरा जीवन |
− | अब अश्रु-रिक्त | + | अब अश्रु-रिक्त हो चुके नयन। |
− | लेकिन कल्पित अब भी हैं | + | लेकिन कल्पित अब भी हैं स्वर। |
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15:58, 18 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण
मैं हूँ पतझर का ठूँठ शज़र।
मैं पात रहित, मैं पुष्प रहित
मैं सुख से वंचित औ विस्मृत।
मैं हूँ जैसे पीड़ा का घर।
मैं शरण वेदना की पाकर
चुपचाप हो चुका, चिल्लाकर।
मैं टूट-टूट कर गया बिखर।
ठहरा - सा यह मेरा जीवन
अब अश्रु-रिक्त हो चुके नयन।
लेकिन कल्पित अब भी हैं स्वर।