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"हाथ ठेला / प्रभुदयाल श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर
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नहीं अजूबा न अलबेला, | नहीं अजूबा न अलबेला, |
13:07, 29 मार्च 2020 के समय का अवतरण
नहीं अजूबा न अलबेला,
यह तो अरे हाथ का ठेला।
माल ढुलालो चटपट इससे,
न झंझट न कोई झमेला।
फेरीवाला लिये घूमता,
इसमे रखे पपीता केला।
भरकर पल्टूराम खिलोने,
लेकर ठेला जाता मेला।