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"होशियारी दिल-ए-नादान बहुत करता है / इरफ़ान सिद्दीकी" के अवतरणों में अंतर
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Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
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हाँ सफर का सर-ओ-सामान बहुत करता है | हाँ सफर का सर-ओ-सामान बहुत करता है | ||
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07:44, 18 मई 2020 के समय का अवतरण
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होशियारी दिल-ए-नादान बहुत करता है
रंज कम सहता है एलान बहुत करता है
रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग
कम से कम रात का नुकसान बहुत करता है
आज कल अपना सफर तय नहीं करता कोई
हाँ सफर का सर-ओ-सामान बहुत करता है