भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"भारतवर्ष / सोहनलाल द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सोहनलाल द्विवेदी |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|अनुवादक=
 
|अनुवादक=
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=
}}
+
}}{{KKVID|v=4uCPgZnEMYc}}
 
{{KKCatKavita}}
 
{{KKCatKavita}}
 
<poem>
 
<poem>

18:34, 20 मई 2020 के समय का अवतरण

यदि इस वीडियो के साथ कोई समस्या है तो
कृपया kavitakosh AT gmail.com पर सूचना दें

यह भारतवर्ष हमारा है!
हमको प्राणों से प्यारा है!!

है यहाँ हिमालय खड़ा हुआ,
संतरी सरीखा अड़ा हुआ,

गंगा की निर्मल धारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!

क्या ही पहाड़ियाँ हैं न्यारी?
जिनमें सुंदर झरने जारी!

शोभा में सबसे न्यारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!

है हवा मनोहर डोल रही,
बन में कोयल है बोल रही।

बहती सुगंध की धारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!

जन्मे थे यहीं राम सीता,
गूँजी थी यहीं मधुर गीता।

यमुना का श्याम किनारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!

तन मन धन प्राण चढ़ाएँगे,
हम इसका मान बढ़ाएँगे!

जग का सौभाग्य सितारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!