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"हमने हारे दिये चुन लिए / अंकित काव्यांश" के अवतरणों में अंतर
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अपनी कठिनाई को तौला। | अपनी कठिनाई को तौला। | ||
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अँधियारे के संग युद्ध में। | अँधियारे के संग युद्ध में। | ||
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दोहरा चेहरा दिखा न पाये | दोहरा चेहरा दिखा न पाये | ||
इतिहासों में नाम न होगा। | इतिहासों में नाम न होगा। | ||
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अतः पराजय को ही भोगा। | अतः पराजय को ही भोगा। | ||
− | हम उस अंतर में दीखेंगे जो अंतर कबिरा व बुद्ध में | + | हम उस अंतर में दीखेंगे |
+ | जो अंतर कबिरा व बुद्ध में | ||
हमने हारे दिये चुन लिए | हमने हारे दिये चुन लिए | ||
अँधियारे के संग युद्ध में। | अँधियारे के संग युद्ध में। | ||
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07:51, 3 अगस्त 2020 के समय का अवतरण
हमने हारे दिये चुन लिए
अंधियारे के संग युद्ध में ।
दंभ सहन करना मुश्किल था
जीते हुये दियों का मौला।
हमने आसानी से पहले
अपनी कठिनाई को तौला।
हम उस अंतर में दीखेंगे
जो अंतर पागल प्रबुद्ध में
हमने हारे दिये चुन लिए
अँधियारे के संग युद्ध में।
दोहरा चेहरा दिखा न पाये
इतिहासों में नाम न होगा।
हमें शिखण्डी कहे न दुनिया
अतः पराजय को ही भोगा।
हम उस अंतर में दीखेंगे
जो अंतर कबिरा व बुद्ध में
हमने हारे दिये चुन लिए
अँधियारे के संग युद्ध में।