"ताना बाना / उदय प्रकाश" के अवतरणों में अंतर
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | हम हैं ताना हम हैं | + | हम हैं ताना हम हैं बाना। |
− | हमीं चदरिया, हमीं जुलाहा, हमीं गजी, हम | + | हमीं चदरिया, हमीं जुलाहा, हमीं गजी, हम थाना। |
नाद हमीं, अनुनाद हमीं, निश्शब्द हमीं, गंभीरा | नाद हमीं, अनुनाद हमीं, निश्शब्द हमीं, गंभीरा | ||
− | अंधकार हम, चांद-सूरज हम, हम कान्हां, हम | + | अंधकार हम, चांद-सूरज हम, हम कान्हां, हम मीरा। |
− | हमीं अकेले, हमीं दुकेले, हम चुग्गा, हम | + | हमीं अकेले, हमीं दुकेले, हम चुग्गा, हम दाना। |
− | मंदिर-मस्जिद, हम | + | मंदिर-मस्जिद, हम गुरुद्वारा, हम मठ, हम बैरागी |
− | हमीं पुजारी, हमीं देवता, हम कीर्तन, हम | + | हमीं पुजारी, हमीं देवता, हम कीर्तन, हम रागी। |
− | आखत-रोली, अलख-भभूती, रूप घरें हम | + | आखत-रोली, अलख-भभूती, रूप घरें हम नाना। |
मूल-फूल हम, स्र्त बादल हम, हम माटी, हम पानी | मूल-फूल हम, स्र्त बादल हम, हम माटी, हम पानी | ||
− | हमीं यहूदी-शेख-बरहमन, हरिजन हम | + | हमीं यहूदी-शेख-बरहमन, हरिजन हम क्रिस्तानी। |
− | पीर-अघोरी, सिद्ध औलिया, हमीं पेट, हम | + | पीर-अघोरी, सिद्ध औलिया, हमीं पेट, हम खाना। |
नाम-पता ना ठौर-ठिकाना, जात-धरम ना कोई | नाम-पता ना ठौर-ठिकाना, जात-धरम ना कोई | ||
− | मुलक-खलक, राजा-परजा हम, हम बेलन, हम | + | मुलक-खलक, राजा-परजा हम, हम बेलन, हम लोई। |
− | हम ही दुलहा, हमीं बराती, हम फूंका, हम | + | हम ही दुलहा, हमीं बराती, हम फूंका, हम छाना। |
− | हम हैं ताना, हम हैं | + | हम हैं ताना, हम हैं बाना। |
− | हमीं चदरिया, हमीं जुलाहा, हमीं गजी, हम | + | हमीं चदरिया, हमीं जुलाहा, हमीं गजी, हम थाना। |
</poem> | </poem> |
12:26, 6 अगस्त 2020 के समय का अवतरण
हम हैं ताना हम हैं बाना।
हमीं चदरिया, हमीं जुलाहा, हमीं गजी, हम थाना।
नाद हमीं, अनुनाद हमीं, निश्शब्द हमीं, गंभीरा
अंधकार हम, चांद-सूरज हम, हम कान्हां, हम मीरा।
हमीं अकेले, हमीं दुकेले, हम चुग्गा, हम दाना।
मंदिर-मस्जिद, हम गुरुद्वारा, हम मठ, हम बैरागी
हमीं पुजारी, हमीं देवता, हम कीर्तन, हम रागी।
आखत-रोली, अलख-भभूती, रूप घरें हम नाना।
मूल-फूल हम, स्र्त बादल हम, हम माटी, हम पानी
हमीं यहूदी-शेख-बरहमन, हरिजन हम क्रिस्तानी।
पीर-अघोरी, सिद्ध औलिया, हमीं पेट, हम खाना।
नाम-पता ना ठौर-ठिकाना, जात-धरम ना कोई
मुलक-खलक, राजा-परजा हम, हम बेलन, हम लोई।
हम ही दुलहा, हमीं बराती, हम फूंका, हम छाना।
हम हैं ताना, हम हैं बाना।
हमीं चदरिया, हमीं जुलाहा, हमीं गजी, हम थाना।