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"कर्पूर गौरम करूणावतारम / श्लोक" के अवतरणों में अंतर
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− | + | <poem>कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। | |
− | + | सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।। | |
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मंगलम भगवान् विष्णु | मंगलम भगवान् विष्णु | ||
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मंगलम गरुड़ध्वजः | | मंगलम गरुड़ध्वजः | | ||
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मंगलम पुन्डरी काक्षो | मंगलम पुन्डरी काक्षो | ||
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मंगलायतनो हरि || | मंगलायतनो हरि || | ||
− | + | सर्व मंगल मांग्लयै शिवे सर्वार्थ साधिके | | |
− | सर्व मंगल मांग्लयै | + | शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते || |
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− | शिवे सर्वार्थ साधिके | | + | |
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− | शरण्ये त्रयम्बके गौरी | + | |
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− | नारायणी नमोस्तुते || | + | |
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त्वमेव माता च पिता त्वमेव | त्वमेव माता च पिता त्वमेव | ||
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त्वमेव बंधू च सखा त्वमेव | त्वमेव बंधू च सखा त्वमेव | ||
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त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव | त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव | ||
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त्वमेव सर्वं मम देव देव | त्वमेव सर्वं मम देव देव | ||
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कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा | कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा | ||
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बुध्यात्मना वा प्रकृतेः स्वभावात | बुध्यात्मना वा प्रकृतेः स्वभावात | ||
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करोमि यध्य्त सकलं परस्मै | करोमि यध्य्त सकलं परस्मै | ||
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नारायणायेति समर्पयामि || | नारायणायेति समर्पयामि || | ||
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श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे | श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे | ||
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हे नाथ नारायण वासुदेव | | हे नाथ नारायण वासुदेव | | ||
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जिब्हे पिबस्व अमृतं एत देव | जिब्हे पिबस्व अमृतं एत देव | ||
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गोविन्द दामोदर माधवेती || | गोविन्द दामोदर माधवेती || | ||
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23:16, 15 अगस्त 2020 के समय का अवतरण
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।
मंगलम भगवान् विष्णु
मंगलम गरुड़ध्वजः |
मंगलम पुन्डरी काक्षो
मंगलायतनो हरि ||
सर्व मंगल मांग्लयै शिवे सर्वार्थ साधिके |
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ||
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधू च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव देव
कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा
बुध्यात्मना वा प्रकृतेः स्वभावात
करोमि यध्य्त सकलं परस्मै
नारायणायेति समर्पयामि ||
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे
हे नाथ नारायण वासुदेव |
जिब्हे पिबस्व अमृतं एत देव
गोविन्द दामोदर माधवेती ||