भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मृतक के लिए / एड्रिएन सिसिल रिच" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=एड्रिएन सिसिल रिच |अनुवादक=अनिल ज...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | मैंने सपना देखा था | + | मैंने सपना देखा था — |
मैंने तुम्हें फ़ोन किया है | मैंने तुम्हें फ़ोन किया है | ||
यह कहने के लिए | यह कहने के लिए | ||
पंक्ति 36: | पंक्ति 36: | ||
तब तुम चाहते हो कि वे रहें | तब तुम चाहते हो कि वे रहें | ||
आधी रात के बाद भी देर तक बैठे हुए । | आधी रात के बाद भी देर तक बैठे हुए । | ||
+ | |||
+ | '''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय''' | ||
</poem> | </poem> |
10:24, 3 सितम्बर 2020 का अवतरण
मैंने सपना देखा था —
मैंने तुम्हें फ़ोन किया है
यह कहने के लिए
कि तुम अपना ख़याल रखना
लेकिन तुम बीमार थे
और तुमने फ़ोन नहीं उठाया ।
अब जो कुछ भी बाक़ी है
तुम्हारे प्रति मेरा प्रेम
वो तुम्हें तुमसे बचाने में खर्च हो जाता है ।
मुझे आश्चर्य होता है
बची हुई ऊर्जा पर
उस रास्ते पर
जिस पर पहाड़ी से नीचे फिसलता है पानी
बारिश रुकने के बहुत देर बाद भी ।
या उस आग पर
जिसे तुम चाहते हो कि
तुम्हारे बिस्तर तक जाए
पर तुम्हें छोड़े नहीं
तुम झुलसते हो उस आग में
पर जलते नहीं ।
लाल कोयले
भभकते हैं, तेज़ी से जलते हैं
आग से चमकते हैं और मर जाते हैं
तब तुम चाहते हो कि वे रहें
आधी रात के बाद भी देर तक बैठे हुए ।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय