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"ये सच है मैं वहां तनहा बहुत था / अंबर खरबंदा" के अवतरणों में अंतर

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11:23, 5 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

ये सच है मैं वहां तनहा बहुत था
मगर परदेश में पैसा बहुत था

वो कहता था बिछुड़ कर जी सकोगे
वो शायद अबके संजीदा बहुत था

बिछड़ते वक्त चुप था वो भी, मैं भी
हमारे हक़ में ये अच्छा बहुत था