भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सूरज से मफर से हमें हासिल हुआ क्या / रमेश तन्हा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश तन्हा |अनुवादक= |संग्रह=तीसर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:00, 7 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

 
सूरज से मफर से हमें हासिल हुआ क्या
साये के तआकुब के सिवा कुछ न मिला
सूरज से मिली आंख तो क्या देखते हैं
करता है वही साया हमारा पीछा।