भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आया था अभी कोई मुझे मिलने को / रमेश तन्हा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश तन्हा |अनुवादक= |संग्रह=तीसर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:02, 7 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण
आया था अभी कोई मुझे मिलने को
कुछ ऐसे कि जैसे वो मुझे जानता हो
हैरत में हूँ कोई मुझे जानेगा क्या?
अनजान हूँ खुद भी खुद से यकसर मैं तो।