भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"उसलूब जो खास अपना हो पैदा तो करो / रमेश तन्हा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश तन्हा |अनुवादक= |संग्रह=तीसर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:08, 7 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

 
उसलूब जो खास अपना हो पैदा तो करो
दिल में है जो, काग़ज़ पे हुवैदा तो करो
तौक़ीर तशख़्ख़ुस की भी बढ़ जायेगी
लोगों को अपने फ़न का शैदा तो करो।