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"फूलों पे तबस्सुम नहीं रहता हर दम / रमेश तन्हा" के अवतरणों में अंतर

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11:09, 7 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

 
फूलों पे तबस्सुम नहीं रहता हर दम
क्यों उन पर हो दस्ते-गुलचीं का सितम
मजबूरी बागबां की कोई भी हो ख्वाह
होने न दे निज़ामे-गुलशन बरहम।