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"सूरज के चक्कर में आकर सब लोग / रमेश तन्हा" के अवतरणों में अंतर

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11:18, 7 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

 
सूरज के चक्कर में आकर सब लोग
भूले फिरते हैं अपना घर सब लोग
सहमे सहमे अंधियारे पूछें है
आखिर क्यों फिरते हैं दर दर सब लोग।