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"रुख़्सत होते वक़्त / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर

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रुख़्सत होते वक़्त
 
रुख़्सत होते वक़्त

18:15, 11 अक्टूबर 2020 के समय का अवतरण

रुख़्सत होते वक़्त
उसने कुछ नहीं कहा
लेकिन एयरपोर्ट पर
अटैची खोलते हुए
मैंने देखा
मेरे कपड़ों के नीचे
उसने
अपने दोनों बच्चों की तस्वीर छुपा दी है
तअज्जुब है
छोटी बहन होकर भी
उसने मुझे माँ की तरह दुआ दी है।