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"मुहब्बत / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर
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पहले वह रंग थी | पहले वह रंग थी |
18:17, 11 अक्टूबर 2020 के समय का अवतरण
पहले वह रंग थी
फिर रूप बनी
रूप से ज़िस्म में तबदील हुई
और फिर ज़िस्म से बिस्तर बन कर
घर के कोने में लगी रहती है
जिसको...
कमरे में घुटा सन्नाटा
वक़्त-बेवक़्त उठा लेता है
खोल लेता है, बिछा लेता है।