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"डरता हूँ कामयाबी-ए-तकदीर देखकर / फ़िराक़ गोरखपुरी" के अवतरणों में अंतर
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डरता हूँ कामियाबी-ए-तकदीर१ देखकर. | डरता हूँ कामियाबी-ए-तकदीर१ देखकर. | ||
यानी सितमज़रीफ़ी-ए-तकदीर२ देखकर. | यानी सितमज़रीफ़ी-ए-तकदीर२ देखकर. | ||
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कालिब में३ रूह फूँक दी या ज़हर भर दिया. | कालिब में३ रूह फूँक दी या ज़हर भर दिया. | ||
मैं मर गया ह्यात की४ तासीर५ देखकर. | मैं मर गया ह्यात की४ तासीर५ देखकर. | ||
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हैरां हुए न थे जो तसव्वुर में६ भी कभी. | हैरां हुए न थे जो तसव्वुर में६ भी कभी. | ||
तसवीर हो गये तेरी तसवीर देखकर. | तसवीर हो गये तेरी तसवीर देखकर. | ||
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ख्वाबे-अदम से७ जागते ही जी पे बन गई. | ख्वाबे-अदम से७ जागते ही जी पे बन गई. | ||
ज़हराबा-ए-ह्यात८ की तासीर देखकर. | ज़हराबा-ए-ह्यात८ की तासीर देखकर. | ||
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ये भी हुआ है अपने तसव्वुर में होके मन्ह९. | ये भी हुआ है अपने तसव्वुर में होके मन्ह९. | ||
मैं रह गया हूँ आपकी तसवीर देखकर. | मैं रह गया हूँ आपकी तसवीर देखकर. | ||
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सब मरहले ह्यात के तै करके अब 'फ़िराक'. | सब मरहले ह्यात के तै करके अब 'फ़िराक'. | ||
बैठा हुआ हूँ मौत में ताखीर१० देखकर. | बैठा हुआ हूँ मौत में ताखीर१० देखकर. | ||
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१.भाग्य की सफलता २.भाग्य का मजाक ३.शरीर में ४.जीवन की ५.गुण | १.भाग्य की सफलता २.भाग्य का मजाक ३.शरीर में ४.जीवन की ५.गुण | ||
६.कल्पना में ७.अनस्तित्व से ८.जीवन रुपी विष की ९.मग्न १०.विलम्ब | ६.कल्पना में ७.अनस्तित्व से ८.जीवन रुपी विष की ९.मग्न १०.विलम्ब | ||
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21:41, 25 अक्टूबर 2020 के समय का अवतरण
डरता हूँ कामियाबी-ए-तकदीर१ देखकर.
यानी सितमज़रीफ़ी-ए-तकदीर२ देखकर.
कालिब में३ रूह फूँक दी या ज़हर भर दिया.
मैं मर गया ह्यात की४ तासीर५ देखकर.
हैरां हुए न थे जो तसव्वुर में६ भी कभी.
तसवीर हो गये तेरी तसवीर देखकर.
ख्वाबे-अदम से७ जागते ही जी पे बन गई.
ज़हराबा-ए-ह्यात८ की तासीर देखकर.
ये भी हुआ है अपने तसव्वुर में होके मन्ह९.
मैं रह गया हूँ आपकी तसवीर देखकर.
सब मरहले ह्यात के तै करके अब 'फ़िराक'.
बैठा हुआ हूँ मौत में ताखीर१० देखकर.
१.भाग्य की सफलता २.भाग्य का मजाक ३.शरीर में ४.जीवन की ५.गुण
६.कल्पना में ७.अनस्तित्व से ८.जीवन रुपी विष की ९.मग्न १०.विलम्ब