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"खो के इक शख्स को / फ़िराक़ गोरखपुरी" के अवतरणों में अंतर

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खो के इक शख्स को हम पूछते फिरते हैं यही.
 
खो के इक शख्स को हम पूछते फिरते हैं यही.
 
जिसकी तकदीर बिगड़ जाए वो करता क्या है ?
 
जिसकी तकदीर बिगड़ जाए वो करता क्या है ?
        निगहे-शौक़१ में और दिल में ठनी है कब से.
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        आज तक हम न समझ पाए कि झगड़ा क्या है.
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निगहे-शौक़१ में और दिल में ठनी है कब से.
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आज तक हम न समझ पाए कि झगड़ा क्या है.
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इश्क़ से तौबा है तो हुस्न का शिकवा कैसा ?
 
इश्क़ से तौबा है तो हुस्न का शिकवा कैसा ?
 
कहिए तो हज़रते-दिल आपका मतलब क्या है.
 
कहिए तो हज़रते-दिल आपका मतलब क्या है.
        दिल तेरा,जान तेरी,दर्द तेरा,ग़म तेरा.
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        जो है ऐ दोस्त वो तेरा है,हमारा क्या है ?
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दिल तेरा,जान तेरी,दर्द तेरा,ग़म तेरा.
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जो है ऐ दोस्त वो तेरा है,हमारा क्या है ?
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हम जुदाई से भी कुछ काम तो ले ही लेंगे.
 
हम जुदाई से भी कुछ काम तो ले ही लेंगे.
 
छोड़कर मुझे चले जाओगे तुम, अच्छा है.
 
छोड़कर मुझे चले जाओगे तुम, अच्छा है.
        इनसे बढ़-चढ़ के तो ऐ दोस्त हैं यादें इनकी.
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        नाज़-ए अंदाज़-ए अदा में तेरी रक्खा क्या है.  
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इनसे बढ़-चढ़ के तो ऐ दोस्त हैं यादें इनकी.
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नाज़-ए अंदाज़-ए अदा में तेरी रक्खा क्या है.  
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ऐसी बातों से बदलती है कहीं फ़ितरते-हुस्न.
 
ऐसी बातों से बदलती है कहीं फ़ितरते-हुस्न.
 
जान भी दे दे अगर कोई तो क्या होता है ?
 
जान भी दे दे अगर कोई तो क्या होता है ?
        यहीं आँखों में जो रह जाए तो है चिंगारी.
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        क़तरा-ए-अश्क जो बह जाए तो दरिया है.  
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यहीं आँखों में जो रह जाए तो है चिंगारी.
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क़तरा-ए-अश्क जो बह जाए तो दरिया है.  
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तुझको शैतान के हो जाएँगे दर्शन वाइज़२.
 
तुझको शैतान के हो जाएँगे दर्शन वाइज़२.
 
डालकर मुँह को गिरेबाँ में कभी देखा है?
 
डालकर मुँह को गिरेबाँ में कभी देखा है?
        न हो आँसू कोई हम दोनों तो बेहोश-से थे.
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        चश्मे-पुरनम३ अभी तारा-सा कोई टूटा है.  
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न हो आँसू कोई हम दोनों तो बेहोश-से थे.
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चश्मे-पुरनम३ अभी तारा-सा कोई टूटा है.  
  
 
१.प्रेम दृष्टि            २. धर्मोपदेशक        ३. सजल आँख
 
१.प्रेम दृष्टि            २. धर्मोपदेशक        ३. सजल आँख
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22:36, 25 अक्टूबर 2020 के समय का अवतरण

खो के इक शख्स को हम पूछते फिरते हैं यही.
जिसकी तकदीर बिगड़ जाए वो करता क्या है ?

निगहे-शौक़१ में और दिल में ठनी है कब से.
आज तक हम न समझ पाए कि झगड़ा क्या है.

इश्क़ से तौबा है तो हुस्न का शिकवा कैसा ?
कहिए तो हज़रते-दिल आपका मतलब क्या है.

दिल तेरा,जान तेरी,दर्द तेरा,ग़म तेरा.
जो है ऐ दोस्त वो तेरा है,हमारा क्या है ?

हम जुदाई से भी कुछ काम तो ले ही लेंगे.
छोड़कर मुझे चले जाओगे तुम, अच्छा है.

इनसे बढ़-चढ़ के तो ऐ दोस्त हैं यादें इनकी.
नाज़-ए अंदाज़-ए अदा में तेरी रक्खा क्या है.

ऐसी बातों से बदलती है कहीं फ़ितरते-हुस्न.
जान भी दे दे अगर कोई तो क्या होता है ?

यहीं आँखों में जो रह जाए तो है चिंगारी.
क़तरा-ए-अश्क जो बह जाए तो दरिया है.

तुझको शैतान के हो जाएँगे दर्शन वाइज़२.
डालकर मुँह को गिरेबाँ में कभी देखा है?

न हो आँसू कोई हम दोनों तो बेहोश-से थे.
चश्मे-पुरनम३ अभी तारा-सा कोई टूटा है.

१.प्रेम दृष्टि २. धर्मोपदेशक ३. सजल आँख