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"काश्मीर का बच्चा-बच्चा बोल रहा / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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+ | कौन लुटेरा है जो ऐसा बोल रहा | ||
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12:54, 16 नवम्बर 2020 के समय का अवतरण
काश्मीर का बच्चा-बच्चा बोल रहा
सुलग रहा जो पत्ता-पत्ता बोल रहा
आज तुम्हारे पास शक्ति कुछ भी कर लो
कंगूरे से उड़ा परिंदा बोल रहा
घायल मन की पीड़ा भी महसूसें लोग
फिर समझें वो कितना बेजा बोल रहा
जब देखो तब मन की बात सुनाता है
समझ में आता नहीं है वो क्या बोल रहा
सारी दुनिया देख चुकी उसकी फ़ितरत
लोकतंत्र पर निर्मम हमला बोल रहा
जाग रहा मैं, पहरेदारो सो जाओ
कौन लुटेरा है जो ऐसा बोल रहा