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ताज तेरे लिये इक मज़हर-ए-उल्फ़त<ref>प्रेम का द्योतक</ref>ही सही
तुम को तुझको इस वादी-ए-रंगीं<ref>रमणीय स्थान</ref>से अक़ीदत<ref>श्रद्धा</ref> ही सही
मेरी महबूब<ref>प्रेयसी</ref> कहीं और मिला कर मुझ से!
मेरी महबूब कहीं और मिला कर मुझ से!
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'''[[ताजमहल / साहिर लुधियानवी / सुमन पोखरेल|यस कविताको नेपाली अनुवाद पढ्नलाई यहाँ क्लिक गर्नुहोस्]]'''
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