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"देखते रहते हैं चलते हुए हम / राज़िक़ अंसारी" के अवतरणों में अंतर

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देखते रहते हैं चलते हुए हम
रंग दुनिया के बदलते हुए हम

बात करते हैं न जाने क्या क्या
लान में ख़ुद से टहलते हुए हम

सीख जाएं न कहीं मक्कारी
आपके साथ में चलते हुए हम

एक इक फ़र्द को देखा ही किए
जाने क्यों घर से निकलते हुए हम

दूर ख़ूद से ही निकल जाएं आज
अपने साए को कुचलते हुए हम