भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अदीब जानसेवेर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKParichay | {{KKParichay | ||
− | |चित्र= | + | |चित्र=Edip Cansever.jpg |
|नाम=अदीब जानसेवेर | |नाम=अदीब जानसेवेर | ||
|उपनाम=Edip Cansever | |उपनाम=Edip Cansever |
22:36, 7 मार्च 2021 के समय का अवतरण
अदीब जानसेवेर
जन्म | 08 अगस्त 1928 |
---|---|
निधन | 28 मई 1986 |
उपनाम | Edip Cansever |
जन्म स्थान | इस्ताम्बूल, तुर्की |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
दोपहर के बाद (1947), नियमित दिरलिक (1954), गुलनार के फूल का गुरुत्वाकर्षण (1957), आशाविहीन पार्क (1958),
गश्त (1959), एंटीगोन कहाँ है (1961), डाक अभी बाक़ी है (1964), गन्दा अगस्त (1966), त्रासदियाँ (1970), मैं रूही बेय हूँ, मैं कैसी हूँ (1976)प्रेम और अन्तर्ज्ञान (1977) आदि कविता-संग्रह | |
विविध | |
तुर्की कविता में इनकी पहचान रूढ़िगत काव्य रूपों के बड़े विरोधी और आधुनिक क्रान्तिकारी काव्य-रूपों के समर्थक के रूप में है। ‘द्वितीय नववादी’ आंदोलन के एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, लेकिन इनकी कविताएँ उनके समकालीनों की तरह दुरूह नहीं हैं। अदीब जानसेवेर पुराने इस्ताम्बुल के कापालीचारशी (भूमिगत विशाल बाजार) में कालीन और एंटीक्स (Antiques) बेचते थे। उनकी कविताओं में ऐसी फरोशग़ाह, ख़रीद-फरोख़्त, दुकानदार, अनजाने ग्राहक, लोगों से बातचीत आदि का जिक्र अक्सर आता है। यहाँ प्रस्तुत कविताओं के चयन उनके समग्र से किया गया है। | |
जीवन परिचय | |
अदीब जानसेवेर / परिचय |