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"कहाँ छैन र ईश्वर यो संसारमा / सुमन पोखरेल" के अवतरणों में अंतर
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कहाँ छैन र ईश्वर यो संसारमा | कहाँ छैन र ईश्वर यो संसारमा | ||
− | मेरो हर यात्रा उसकै प्रदक्षिणा | + | मेरो हर यात्रा उसकै प्रदक्षिणा ! |
सुन्दछु म शब्द जति नै | सुन्दछु म शब्द जति नै | ||
वाणी हो सब ईश्वर कै | वाणी हो सब ईश्वर कै | ||
म जहाँ हेर्छु उसको दर्शन हो | म जहाँ हेर्छु उसको दर्शन हो | ||
− | मेरो कर्म नै उसको उपासना | + | मेरो कर्म नै उसको उपासना ! |
छुँदछु म जे जति ठाउँ | छुँदछु म जे जति ठाउँ | ||
ढोगेको हो ईश्वरको नाउँ | ढोगेको हो ईश्वरको नाउँ | ||
− | + | बेहोशी मै म कराए पनि | |
− | हो ईश्वरको नै प्रार्थना | + | हो ईश्वरको नै प्रार्थना ! |
− | खाएको मैले | + | खाएको मैले सबथोक नै |
− | चढाएको हो | + | चढाएको हो नैवेद्य ईश्वरलाई |
बोल्दछु जे म नीत दिन | बोल्दछु जे म नीत दिन | ||
− | उसकै नै हो आराधना | + | उसकै नै हो आराधना ! |
− | + | जे छ मेरो, सबै हो ईश्वरको | |
यो शरीर हो मन्दिर उसैको | यो शरीर हो मन्दिर उसैको | ||
− | हृदयको धड्कन हो | + | हृदयको धड्कन हो भक्तिगान |
− | मेरो हरेक सास उसको वन्दना | + | मेरो हरेक सास उसको वन्दना ! |
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17:48, 30 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण
कहाँ छैन र ईश्वर यो संसारमा
मेरो हर यात्रा उसकै प्रदक्षिणा !
सुन्दछु म शब्द जति नै
वाणी हो सब ईश्वर कै
म जहाँ हेर्छु उसको दर्शन हो
मेरो कर्म नै उसको उपासना !
छुँदछु म जे जति ठाउँ
ढोगेको हो ईश्वरको नाउँ
बेहोशी मै म कराए पनि
हो ईश्वरको नै प्रार्थना !
खाएको मैले सबथोक नै
चढाएको हो नैवेद्य ईश्वरलाई
बोल्दछु जे म नीत दिन
उसकै नै हो आराधना !
जे छ मेरो, सबै हो ईश्वरको
यो शरीर हो मन्दिर उसैको
हृदयको धड्कन हो भक्तिगान
मेरो हरेक सास उसको वन्दना !