भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"एक कवि मिलता है / शुभोनाथ / तनुज" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शुभोनाथ |अनुवादक=तनुज |संग्रह= }} {{KKC...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
16:24, 9 जनवरी 2022 के समय का अवतरण
एक कवि मिलता है दूसरे कवि से
जैसे बीड़ी से मिलती है तिल्ली की आग
पूनम की रात का वह क्षण
आँखें भिंच जाती हैं तब —
देखकर
चांद के सफ़ेद चमकीले पँख
नशे का उतरता है नक़ाब
और कवि मिल लेता है
बीच चौराहे पर, अपने ही प्रतिबिम्ब से !
एक तितली भी साथ-साथ
बैठ चुकी होती है फूल पर
भूलकर ख़याल वक़्त का...
मूल बांगला से अनुवाद : तनुज